जयपुर अग्निकांड में सिर से लेकर पैर तक जली पत्नी, पति ने बिछियों से पहचानी लाश, फूट-फूटकर रोया

शायद किसी ने भी कल्पना नहीं की गई होगी कि अनीता के आखिरी दर्शन नहीं कर पाएंगे. इस अग्निकांड में कई परिवारों के चिराग उजड़ गए. अनीता अपने परिवार की इकलौती कमाऊ सदस्य थीं जो चैनपुरा में आरएसी की बी कम्पनी चतुर्थ बटालियन में तैनात थीं.

जयपुर के भीषण अग्निकांड की दर्दनाक कहानियां सामने निकलकर आ रही है. इस भीषण दुर्घटना में कई मृतकों के शव इतनी बुरी तरीके से जल गए कि उनकी पहचान तक नहीं हो पाई और शवों की पहचान के लिए सरकार ने डीएनए टेस्ट करने का फैसला किया. हादसे में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है 28 लोग 80 फीसदी से ज्यादा जल गए हैं 30 की हालत गंभीर है. मारे गए लोगों में राजस्थान पुलिस की कांस्टेबल अनीता मीणा भी शामिल हैं जो दोनों छोटे बच्चों के लिए सुबह का खाना बनाकर दूदू से स्लीपर बस में ड्यूटी के लिए जयपुर निकली थी.

बिछिया से पहचाना शव
शायद किसी ने भी कल्पना नहीं की गई होगी कि अनीता के आखिरी दर्शन नहीं कर पाएंगे. इस अग्निकांड में कई परिवारों के चिराग उजड़ गए.अनीता अपने परिवार की इकलौती कमाऊ सदस्य थीं जो चैनपुरा में आरएसी की बी कम्पनी चतुर्थ बटालियन में तैनात थीं. अनिता रोशनपुरा बनेडिया मौजमाबाद की रहने वाली थी जो शुक्रवार सुबह ड्यूटी के लिए स्लीपर बस से दूदू से चैनपुरा जा रही थीं. तभी हादसे का शिकार हो गई.

रात तीन बजे अनिता को बस में बैठाकर गए उसके पति कन्हैयालाल मीणा हादसे के बाद अनिता की तलाश में एसएमएस अस्पताल पहुंचे. अस्पताल के कर्मचारी ने घायलों की सूची में अनिता का नाम नहीं होने की जानकारी दी. इसके बावजूद, कन्हैया का मन नहीं माना और आखिर में मुर्दाघर पहुंचे, तो एक शव को देख जोर-जोर से रो पड़े. क्योंकि वो शव के नाम पर अनीता का आधा शरीर और पैर बचा था जिसे कन्हैयालाल ने पैरों में पहनी बिछियों से पहचाना.

बुरी तरह जला हुआ था अव
मृतका के पति कन्हैयालाल मीणा ने बताया कि हादसे की सूचना के बाद अनिता को ढूढ़ते एसएमएस अस्पताल की इमरजेंसी आए. जहां अनीता का कोई पता नहीं चला. वह डरते-डरते अस्पताल की मोर्चरी पहुंचे. वहां एक महिला का शव देखा जो सिर से पैर तकजला हुआ था. जब उनकी नजर पैरों में पहनी बिछिया पर गई तो सारी उम्मीदें टूट गई, क्योंकि वह शव उनकी पत्नी अनीता का था. अनीता के दो छोटे बच्चे है, जिन्हें छोड़कर वो ड्यूटी पर निकली थी लेकिन वापस नहीं लौट सकी.बता दें कि 20 दिसंबर को जयपुर-अजमेर हाईवे पर सुबह करीब 6 बजे एलपीजी टैंकर और ट्रक के बीच भीषण टक्कर के बाद जोरदार धमाका हुआ था. धमाके के बाद आग की लपटें दूर तक पहुंचीं थीं, जिसने वहां से गुजर रहे करीब 40 वाहनों को चपेट में ले लिया था. इस हादसे के कई भयावह वीडियो भी सामने आए थे, जिसमें जिंदा जल चुके लोगों की खाक हो चुकी लाशें नजर आ रही थीं. हादसे में घायल लोगों की तस्वीरें भी सामने आईं थीं, जिसमें 50 फीसदी से ज्यादा जल चुके लोगों को इलाज के लिए ले जाया जा रहा था.

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Author: VS NEWS DESK

pradeep blr