पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने बुधवार को संदेशखाली इलाके का दौरा किया, जहां महिलाओं के यौन उत्पीड़न की खबरें आने के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है। इंडिया टीवी के शो ‘आज की बात’ में मंगलवार की रात को हमने उन महिलाओं की बातें सुनाई, जो संदेशखाली में अपने ऊपर हुए जुल्म की दास्तां खुद बता रही हैं, तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख और उसके गुंडों पर बलात्कार के आरोप लगा रही हैं। लेकिन ममता बनर्जी कहती हैं कि महिलाएं झूठ बोल रही हैं, बीजेपी के इशारे पर बंगाल को बदनाम कर रही हैं, लेकिन महिलाओं का कहना है कि ममता को सोचना चाहिए कि क्या कोई महिला किसी के राजनीतिक फायदे के लिए, थोड़े से पैसे के लालच में अपनी इज्जत नीलाम कर सकती है? ममता कहती हैं कि पुलिस जांच कर रही है, आरोपियों को पकड़ा गया है, सच सामने आ जाएगा, लेकिन इन महिलाओं का कहना है कि बंगाल की जो पुलिस तृणमूल के भगोड़े नेता शाहजहां शेख के इशारे पर नाचती हो, जिस पुलिस के सामने महिलाओं के कपड़े उतारे गए हों, ममता की उस पुलिस से न्याय की उम्मीद क्या करें? अब तक तो संदेशखाली में महिलाओं पर हुए जुल्म के वीडिओ सामने आ रहे थे, संदेशखाली में पुलिस का पहरा था, किसी को वहां जाने की इजाज़त नहीं थी, इसलिए वीडिओ असली हैं या नकली, ये तय करना मुश्किल था। ममता भी वीडिओं को फर्जी बता रही थी, आरोप लगाने वाली महिलाओं को बाहरी बता रही थी।
संदेशखाली में राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम पहुंची, SC, ST कमीशन की टीम पहुंची लेकिन ममता ने किसी की बात नहीं मानी। लेकिन मंगलवार को इंडिया टीवी की टीम संदेशखाली पहुंच गई, टीम ने संदेशखाली की महिलाओं से बात की तो हक़ीक़त सामने आ गई। ये सही है कि संदेशखाली के रौंगटे खड़े वाले खुलासों और शाहजहां शेख के जुल्म की दास्तां बाहर आने के बाद इस पर सियासत खूब हो रही है, बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर इल्जाम लगा रहे हैं, लेकिन इन सबके बीच उन महिलाओं की आवाज़ दब रही है, जो जान की बाज़ी लगाकर, हिम्मत जुटा कर समाज के सामने आई हैं, न्याय की गुहार लगा रही हैं। सरकार से, नेताओं से, प्रशासन से और समाज से सम्मान की रक्षा की भीख मांग रही हैं, जुल्म ज्यादती से निजात दिलाने की गुहार लगा रही हैं। मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन को मजबूरन संदेशखाली से दफा 144 हटानी पड़ी, इसके बाद जैसे ही इंडिया टीवी की टीम वहां पहुंची, तो कुछ महिलाएं सामने आईं। उन्होंने बताया कि संदेशखाली में हर परिवार जुल्म का शिकार है, शाहजहां के गुंडे रोज़ लड़कियों को घर से उठाकर ले जाते हैं, कोई विरोध करे तो परिवार वालों को पीटा जाता है, रात भर लड़की को रखने के बाद सुबह उसे छोड़ दिया जाता है। महिलाओं ने कहा कि ये सिलसिला सालों से चल रहा है, संदेशखाली के लोग शाहजहां के इन जुल्मों को नियति मान चुके थे।
महिलाओं ने कहा कि जब लगने लगा कि जिल्लत की जिंदगी जीने से अच्छा मर जाना है, तो हिम्मत करके शाहजहां के खिलाफ आवाज़ उठाई लेकिन बंगाल की सरकार का जो रुख है, उससे नहीं लगता कि न्याय मिलेगा। जिन महिलाओं ने इंडिया टीवी से बात की, उनमें से कई ने अपना चेहरा नहीं छुपाया था लेकिन उन्होंने जिस तरह से सरकार, पुलिस और तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां के खिलाफ अपना दर्द बयां किया। इससे उनकी जान को खतरा हो सकता है, इसलिए हमने उनके चेहरे छुपाए हैं, ब्लर किए हैं। महिलाएं कह रही थी कि संदेशखाली में शाहजहां के लोग सरकारी योजनाओं का पैसा देने के लिए बुलाकर बलात्कार करते है, शहजहां के दो गुर्गों, उत्तम सरदार और शिबू हाजरा के नाम भी ये महिलाएं ले रही थी। संदेशखाली कोलकाता से सिर्फ 75 किलोमीटर दूर है। उत्तरी चौबीस परगना जिले के बशीरहाट अनुमंडल में दो ब्लाक हैं, संदेशखाली -1 और संदेशखाली -2। संदेशखाली-2 कालिंदी नदी के इस पार है और संदेशखाली -1 नदी के दूसरी तरफ। संदेशखाली-1 ब्लॉक एक तरह का द्वीप है। यहां पहुंचने के लिए नदी पार करनी पड़ती है, नाव से जाना पड़ता है। शाहजहां शेख संदेशखाली -2 ब्लाक में रहता तो है लेकिन नदी के उस पार संदेशखाली -1 ब्लॉक में उसके दो गुंडे, उत्तम सरदार और शिवप्रसाद हाजरा उर्फ शिबू हाजरा शाहजहां का कारोबार देखते हैं। ये दोनों संदेशखाली -1 के लोगों पर जुल्म करते हैं, महिलाओं का बलात्कार करते हैं, शाहजहां शेख के पास लड़कियों को भेजते हैं।
जब मामला विधानसभा में उठा, बीजेपी के नेता संदेशखाली जाने की जिद करने लगे, दिल्ली से तमाम टीमें पहुंच गईं, तब जाकर पुलिस ने जमीन पर कब्जे की कुछ शिकायतों पर एक्शन लिया और उत्तम सरदार और शिबू हाजरा समेत कुल 17 लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन संदेशखाली की महिलाओं का कहना है कि जब तक शाहजहां शेख को नहीं पकड़ा जाएगा, तब तक आतंक का राज कायम रहेगा। संदेशखाली के लोग आज इसलिए खुलकर बोल रहे हैं क्योंकि हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने संदेशखाली में लगी धारा 144 हटा दी, बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी और शंकर घोष को संदेशखाली जाने की इजाजत दे दी, सरकार ने उन्हें फिर रोकने की कोशिश की तो वो धरने पर बैठ गए। ममता बनर्जी की सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील की लेकिन जब वहां भी बात नहीं बनी तो मजबूरी में शुभेन्दु अधिकारी को संदेशखाली जाने की इजाजत दी गई। शुभेंदु अधिकारी जैसे ही संदेशखाली पहुंचे वहां की जनता ने उनका स्वागत किया, शुभेंदु पर फूलों की बारिश की गई, संदेशखाली की महिलाओं ने उन पर फूल बरसाए। शुभेंदु अधिकारी ने पूरे संदेशखाली में घूम-घूमकर वहां के लोगों से, महिलाओं से बात की।
सीपीआई-एम नेता वृंदा करात भी संदेशखाली पहुंची, उन्होंने महिलाओं से मुलाकात की, उन पर जो जुल्म हुए, उसकी दास्तां सुनीं। वृंदा करात ने कहा कि हैरानी की बात तो ये है कि इन लोगों ने तृणमूल कांग्रेस को वोट दिया था लेकिन उसी पार्टी के लोग इन पर जुल्म कर रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने कहा कि शुभेंदु अधिकारी वहां पर फिल्म की शूटिंग करने गए थे, वृंदा करात फैशन परेड के लिए पहुंची थीं, दोनों को मकसद सिर्फ सीन क्रिएट करना था। कुषाल घोष की ये बात मान भी ली जाए कि बीजेपी, लैफ्ट और कांग्रेस के नेता राजनीतिक मकसद से संदेशखाली पहुंचे। लेकिन कुणाल घोष को ये भी बताना चाहिए कि क्या उनकी पार्टी का नेता शाहजहां शेख संदेशखाली में समाजसेवा कर रहा है? क्या संदेशखाली की महिलाएं झूठ बोल रही हैं? बेहतर तो ये होता कि जैसे ही महिलाओं के वीडियो सामने आए, ममता उसी वक्त खुद संदेशखाली जातीं, महिलाओं की बात सुनती और जुल्म करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करतीं, तो शायद ये मामला इतना बड़ा न होता और न बीजेपी को इस पर राजनीति करने का मौका मिलता। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 20 फरवरी, 2024 का पूरा एपिसोड
Author: VS NEWS DESK
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