2019 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान यूपी के पूर्व मंत्री और समाजवादी पार्टी के विधायक इंद्रजीत सरोज ने मंच से राजा भैया पर निशाना साधा था. सरोज ने कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर कई आरोप लगाए थे, इससे खफा राजा भैया ने इंद्रजीत सरोज पर पांच करोड़ रुपये का मानहानि का दावा ठोक दिया था. जो मामला कोर्ट में चल रहा था, लेकिन जब राजनीतिक परिस्थितियां बदलीं तो दोनों की आपसी शब्दों के खींचतान धीरे-धीरे खत्म होने लगी.
यही वजह थी कि 2024 में इंद्रजीत सरोज के बेटे कौशांबी सीट से सपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे तो उन्होंने बेटे के साथ जाकर राजा भैया से मुलाकात की थी. उसके बाद पुष्पेंद्र सरोज ने कौशाम्बी से दो बार के बीजेपी सांसद को हरा दिया. इस दौरान इंद्रजीत सरोज और राजा भैया के बीच संबंध सुधरते गए. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अब राजा भैया ने 2019 में दायर मानहानि का मुकदमा वापस ले लिया है.
राजा भैया के केस वापस लेते ही पूर्व मंत्री इंद्रजीत सरोज ने राजा भैया को थैंक्यू कहा है. उन्होंने ये भी कहा कि साल 2019 चुनाव के दौरान दोनों एक दूसरे के विपक्ष में थे. इसलिए हम लोगों ने शब्दों का वार किया था. राजा भैया ने अब उस केस को वापस ले लिया है इसलिए उनको थैंक्यू. यही नहीं मेरी उम्र अब 61 साल की हो गई है अब मेरा बेटा चुनावी मैदान में आया तो राजा भैया ने भरपूर उसका साथ दिया. उसके बाद मेरे बेटे ने चुनाव में जीत भी हासिल की.
इंद्रजीत के बेटे को राजा भैया ने दिया था आशीर्वाद
लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी ने कौशांबी सीट पर पुष्पेंद्र सरोज को प्रत्याशी बनाया था. चूंकि कौशाम्बी लोकसभा क्षेत्र में कुंडा का बहुत बड़ा महत्व है और इस पर राजा भैया का होल्ड था. राजा भैया ने पुष्पेंद्र सरोज को समर्थन देकर उस विधानसभा सीट से जीत दर्ज करवाने में अपना सहयोग दिया. इसलिए भी पुष्पेंद्र सरोज के पिता इंद्रजीत सरोज भी राजा को थैंक यू कह रहे हैं और अब इंद्रजीत सरोज यह भी कह रहे हैं कि हम दोनों के बीच की दूरियां भी मिट चुकी हैं. बता दें राजा भैया के फुल सपोर्ट के बाद कौशांबी सीट से पुष्पेंद्र सरोज ने तकरीबन एक लाख मतों से जीत दर्ज की थी. अब तक के हुए इलेक्शन में सर्वाधिक मत जीतने वाले कैंडिडेट पुष्पेंद्र सरोज बने हैं.
Author: VS NEWS DESK
pradeep blr