महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव के लिए मतदान में अब दो हफ्ते ही बचे हैं। नामांकन के बाद सभी दल अपने अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ बागी रुख दिखाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की है। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने भी बुधवार को बगावत करने वाले 40 नेताओं पर सख्त कदम उठाते हुए उन्हें दल से बाहर कर दिया है। पार्टी ने यह कार्रवाई 37 सीटों पर उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बागियों के खिलाफ की है। इस निष्कासन के पीछे पार्टी का उद्देश्य अनुशासन बनाए रखना और चुनावों में बगावत की प्रवृत्ति को रोकना है। बीजेपी ने इस फैसले से अन्य नेताओं को स्पष्ट संदेश दिया है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कई बडे़ नेताओं का भी हुआ पार्टी से निष्कासन
बीजेपी से निकाले गए नेताओं में धुले जिले से श्रीकांत करर्ले और सोपान पाटील जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। जलगांव शहर से मयूर कापसे और आश्विन सोनवणे को भी निष्कासित किया गया है। इसके अलावा अकोट से गजानन महाले और वाशिम से नागेश घोपे को भी पार्टी से बाहर कर दिया गया है।
इसी तरह अमरावती और अचलपुर से भी कई नेताओं पर यह कार्रवाई की गई है। इस कदम के बाद अनुशासन के प्रति पार्टी के अंदर दबाव बनाने और अपनी हद में रहकर कार्य करने के इरादे है।
महाराष्ट्र के अन्य जिलों में भी बीजेपी ने इसी तरह बागियों के खिलाफ कार्रवाई की है। साकोली से सोमदत्त करंजेकर, आमगांव से शंकर मडावी और चंद्रपुर से ब्रिजभूषण पाझारे जैसे नेताओं को भी पार्टी से बाहर किया गया है। इसी तरह नांदेड़, घणसावंगी, जालना, और गंगापुर से भी कई नेताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। इस कार्रवाई के बाद पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह अपने अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ खड़े होने वाले किसी भी नेता को बर्दाश्त नहीं करेगी।बागियों को निष्कासित करने से पार्टी ने अन्य नेताओं को भी सावधान किया है कि अगर वे पार्टी के विरुद्ध कार्य करेंगे तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई हो सकती है। इस फैसले का मकसद पार्टी के अनुशासन और एकजुटता को बनाए रखना है, ताकि आने वाले चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर हो सके।