ट्रंप ने पहले कार्यकाल में भी 6,940 भारतीयों को भेजा था वापस, भारत सरकार बोली- सब नियम से हो रहा

Indians Deportation from US: अमेरिका से 104 भारतीयों को हथकड़ी और जंजीर में बांधकर डिपोर्ट किए जाने पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। भारत में कई विपक्षी दलों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सरकार से जवाब मांगा है। यह कोई पहली बार नहीं है जब भारतीय नागरिकों को इस तरह वापस भेजा गया हो। इससे पहले भी अमेरिका कई अवैध भारतीय प्रवासियों को निष्कासित कर चुका है। बीते दिनों डोनाल्ड ट्रंप ने दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ ली है। अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के साथ ही उन्होंने अवैध प्रवासियों पर सख्ती बढ़ाने के संकेत दिए हैं। ट्रंप के पहले कार्यकाल (2017-2021) के दौरान अमेरिका ने 6,940 भारतीयों को वापस भेजा था। अब फिर से उनके सत्ता में आने के बाद कई अप्रवासियों के लिए मुश्किलें बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

हथकड़ी और जंजीर से बांधकर भेजने पर हंगामा
104 भारतीयों को हथकड़ी और जंजीरों में बांधकर भेजे जाने की खबर से भारत में आक्रोश बढ़ गया है। विपक्षी दलों ने इसे अमानवीय व्यवहार बताते हुए केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाने की मांग की है। भारत सरकार इमीग्रेशन रैकेट चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने जा रही है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संसद के दोनों सदनों में यह जानकारी दी। वह अवैध रूप से अमरीका गए भारतीय प्रवासियों को अमानवीय तरीके से लाए जाने के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों का जवाब दे रहे थे। जयशंकर ने गुरुवार को संसद में कहा कि अमरीका की तरफ अवैध भारतीय प्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह कई वर्षों से चल रही है। विदेश मंत्री ने कहा, ‘यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से निवास करते पाए जाते हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाए।’
2009 से अब तक निर्वासन
साल निर्वासितों की संख्या
2009 734
2010 799
2011 597
2012 530
2013 515
2014 591
2015 708
2016 1024
2017 1024
2018 1180
2019 2042
2020 1889
2021 805
2022 862
2024 1368
2025 104

 

एस जयशंकर बोले, अमेरिका से चल रही बातचीत
इमीग्रेशन रैकेट का शिकार भारतीय नागरिकों को डिपोर्ट किए जाने का मुद्दा गुरुवार को उस समय गरमा गया जब अमरीका के सीमा सुरक्षा प्रमुख माइकल वी बैंक्स ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए लिखा कि हमने ‘इंडियन एलियंस’ को सफलतापूर्वक लौटा दिया है। इस वीडियो में लौटाए गए लोगों को हथकड़ी-बेड़ी में दिखाया गया।
अमरीका से डिपोर्ट नागरिकों ने भी यहां पहुंचकर अपनी-अपनी आपबीती सुनाई जिससे पता चलता है कि उनके साथ किस तरह धोखा हुआ। विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में इसे मुद्दा बनाया। उसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर को बयान देना पड़ा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हम अमरीकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वापस लौटने वाले निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो।
नए कानून की भी तैयारी
विदेश मंत्री ने कहा कि हम जानते हैं कि 104 लोग वापस भारत पहुंचे हैं। हमने ही उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की है। नियम के अनुसार, महिलाओं और बच्चों को हथकड़ी-बेड़ी नहीं लगाई जाती है। हमने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे वापस लौटने वाले प्रत्येक व्यक्ति से पता लगाएं कि वे अमरीका कैसे गए, एजेंट कौन था और हम कैसे सावधानी बरतें ताकि यह फिर न हो। विदेश मंत्रालय ने पिछले दिनों बताया था कि अमरीका में ऐसा 1800 प्रवासी भारतीयों की पहचान की गई है, जिन्हें लौटाया जाना है। इस बीच, सरकार इमीग्रिशन कानून में बदलाव करते हुए ऐसे भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने पर विचार कर रही है।

US से डिपोर्ट 104 अवैध प्रवासी भारतीय लाए गए
अमरीकी सैन्य विमान सी-17 बुधवार को 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर पंजाब के अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरा था। इनमें सबसे ज्यादा 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात से हैं। कुल 30 निर्वासित लोग पंजाब के निवासी थे। इनमें उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से तीन-तीन और चंडीगढ़ से दो लोग हैं। निर्वासित लोगों में 25 महिलाएं और 12 नाबालिग शामिल हैं, जिनमें सबसे कम उम्र का यात्री सिर्फ चार साल का है। 48 लोग 25 साल से कम उम्र के हैं। प्यू रिसर्च सेंटर के अनुसार, भारत से लगभग 7,25,000 अवैध अप्रवासी अमरीका में रहते हैं। मैक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद अनधिकृत अप्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी आबादी भारतीय लोगों की है।
अब तक 15652 भारतीयों को वापस भेजा
विदेश मंत्री ने कहा कि अमरीका से भारतीयों की वापसी 2009 से हो रही है। पिछले 16 सालों में अमरीका से 15,652 भारतीयों को वापस भेजा गया है। सबसे ज्यादा 2019 में 2042 लोगों को भारत डिपोर्ट किया गया।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा, यह चिंतनीय विषय
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने इस पर तत्काल चर्चा की मांग की। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह चिंतनीय विषय सरकार की जानकारी में है।
प्रियंका बोलीं, हमारा जहाज क्यों नहीं भेजा गया
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर पीएम मोदी ट्रंप के इतने अच्छे दोस्त हैं तो ऐसा क्यों होने दिया गया? उन्हें लाने हमारा जहाज क्यों नहीं जा सकता था? ये कोई तरीका नहीं है कि इंसानों से व्यवहार का।
राहुल ने कहा, प्रधानमंत्री को सुनना चाहिए दर्द
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने 40 घंटों तक हथकड़ी और पैर जंजीरों से बंधे रहे पंजाब के हरविंदर सिंह का वीडियो शेयर करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को इस आदमी का दर्द सुनना चाहिए।
संसद के बाहर विपक्ष का प्रदर्शन
संसद भवन के बाहर विपक्षी सांसदों ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई दलों के नेता इसमें शामिल हुए।

राज्यों में नियुक्त होंगे प्रोटेक्टर ऑफ इमीग्रेंट्स
केंद्र सरकार विदेश में रहने वाले भारतीयों की नियमित रूप से यथोचित और सुरक्षित वापसी के लिए नए कानूनी प्रावधान पर विचार कर रही है। कांग्रेस नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने सोमवार को इससे संबंधित रिपोर्ट सदन में रखी है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्यों में प्रवासियों की सुरक्षा के लिए प्रोटेक्टर ऑफ इमीग्रेंट्स (पीओई) अधिकारी नियुक्त करने का प्रस्ताव किया गया है। संसदीय समिति ने कहा कि सरकार वर्तमान में आप्रवासन कानून 1983 के आधार पर काम कर रही है जिसमें प्रोटेक्टर जनरल ऑफ इमीग्रेंट्स (पीजीई) की व्यवस्था है। नए कानून में अप्रासंगिक हो चुके प्रावधानों को हटाया जाएगा।

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