Delhi New CM: दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद आए नतीजों में बीजेपी की बंपर जीत हुई हैं और इसके साथ ही BJP का 27 साल का दिल्ली की सत्ता से वनवास भी पूरा हो गया है। इसके साथ ही BJP में राज्य के नए सीएम को लेकर मैराथन बैठकों का दौर जारी है। इस बीच अब संकेत मिल रहे हैं कि BJP सीएम के लिए किसी सांसद के नाम को अहमियत नहीं देने वाली हैं, बल्कि उसके निर्वाचित विधायकों मे से ही किसी एक को सीएम की कुर्सी पर बिठाने का फैसला ले सकती है।
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा लगातार जीते हुए विधायकों से बातचीत कर रहे हैं। सीएम की रेस में आगे चल रहे नामों की बात करें तो इसमें रेखा गुप्ता, आशीष सूद, सतीश उपाध्याय और शिखा रॉय का नाम चल रहा है। शनिवार से लेकर अब तक RSS और BJP के शीर्ष नेताओं के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह , रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नेताओं पर भी चर्चा की।
मंत्रिमंडल में इन बातों का रखा जाएगा ध्यान
नए मंत्रिमंडल की संरचना में दिल्ली के विविध सामाजिक ताने-बाने को प्रतिबिंबित करने की उम्मीद है, जिसमें पंजाबी, बनिया और पूर्वांचली सहित विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा, साथ ही महिलाओं, एससी, ओबीसी और ब्राह्मण समुदायों के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा।
CM के लिए क्या हैं मानदंड
सीएम के नामों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए जिन मानदंडों पर चर्चा की जा रही है। इसमें नेताओं की उम्र, सार्वजनिक छवि और स्थानीय होने की वरीयता अहम मानी जा रही है। बीजेपी के एक नेता पुष्टि की कि मुख्यमंत्री का पद किसी सांसद के बजाय किसी मौजूदा विधायक को मिलेगा। एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हालांकि, पार्टी नेतृत्व ने अरविंदर सिंह लवली जैसे हाल ही में दलबदल करने वालों को मंत्रिमंडल में शामिल करने के दरवाजे पूरी तरह से बंद नहीं किए हैं।
सीएम का नाम तय करने में नहीं लगेगा ज्यादा वक्त- जेपी नड्डा
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा है कि दिल्ली के सीएम का चयन करना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं होगा। पार्टी नेतृत्व की बैठक में 15 मिनट के भीतर इसका फैसला कर लिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद सीएम के नाम का ऐलान किया जा सकता है।
सबसे आगे हैं आशीष सूद का नाम
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के अनुसार बताया है कि आशीष सूद सीएम पद के शीर्ष दावेदारों में से एक हैं। वे लंबे समय से संगठनात्मक रूप से जुड़े रहे हैं और पूर्व दक्षिण एमसीडी में पार्षद और सदन के नेता के रूप में काम किया था और वह पार्टी के गोवा प्रभारी और जम्मू-कश्मीर के सह-प्रभारी भी थे। अध्यक्ष डेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के करीबी माने जाने वाले आशीष सूद ने इस चुनाव में जनकपुरी से करीब 19,000 वोटों से जीत दर्ज की।
2020 में वह यह सीट हार गए थे। वे बीजेपी की युवा शाखा, भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के महासचिव थे, उसके बाद उन्हें इसके राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में पदोन्नत किया गया। 2008 में, उन्हें दिल्ली बीजेपी का सचिव और बाद में महासचिव नियुक्त किया गया, उसके बाद तत्कालीन SDMC में पार्षद चुने गए। BJP सूत्रों के अनुसार सूद के पक्ष में यह बात काम करती है कि वह दिल्ली बीजेपी के प्रमुख पंजाबी भाषी नेताओं में से एक हैं और उन्हें RSS का समर्थन प्राप्त है। उन्हें BJP के शीर्ष नेतृत्व का भी करीबी माना जाता है। पार्टी में शामिल होने से पहले उनकी राजनीतिक यात्रा एबीवीपी से शुरू हुई थी।
रेखा गुप्ता का भी चल रहा नाम
पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री पद भी किसी महिला को मिल सकता है। मुख्यमंत्री का चुनाव महिलाओं के साथ-साथ पंजाबी और जाट नेताओं में से होने की सबसे अधिक संभावना है। अभी पार्टी पंजाबी नेता को मुख्यमंत्री बनाने की ओर झुकी हुई दिख रही है। एक सूत्र ने यह भी कहा कि विजेंद्र गुप्ता और मोहन सिंह बिष्ट जैसे दशकों के विधायी अनुभव वाले वरिष्ठ नेताओं को संभवतः दिल्ली विधानसभा में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएंगी।
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल एक अन्य वरिष्ठ नेता रेखा गुप्ता हैं, जो RSS की पुरानी कार्यकर्ता हैं और संघ की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हो गईं, जिससे 1990 के दशक के अंत में उनके लिए डूसू अध्यक्ष चुने जाने का मार्ग प्रशस्त हुआ। दिल्ली से संबंधित अन्य सभी खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।