कनाडा के रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने कहा है कि अमेरिका से चल रहे ट्रेड वॉर के बीच, कनाडा अब अमेरिकी निर्मित F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स के विकल्प तलाश रहा है. प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की नई कैबिनेट के पहले फैसले में से है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रं द्वारा कनाडा से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाने के बाद लिया गया है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 25% टैरिफ के बीच, कनाडा अब अमेरिकी F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स का विकल्प तलाश रहा है. कनाडाई रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने बताया कि देश की वायु सेना ने इसे अपनाने की सिफारिश की थी, लेकिन वे अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं. यह फैसला प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की नई कैबिनेट द्वारा लिया गया है.
गौरतलब है कि कई वर्षों की देरी के बाद 2023 में कनाडा ने अमेरिका के साथ F-35 स्टील्थ फाइटर जेट की डील फाइनल की थी. उसी साल जून में लॉकहीड मार्टिन के साथ कनाडा ने 88 जेट्स के लिए 19 अरब डालर का समझौता किया था. कनाडा को राष्ट्रपति ट्रंप अमेरिका का 51वां राज्य बताते हैं, और ये इस फाइटर जेट की डील पूर्व पीएम जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में हुई थी.
आलम ये है कि, F-35 फाइटर जेट की पहली खेप कनाडा को 2026 तक मिलनी थी, और इसमें 16 जेट्स के लिए भुगतान भी किया जा चुका है. कनाडाई रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने कहा कि वे पहले बैच को स्वीकार कर सकते हैं और बाकी के लिए स्वीडिश निर्मित साब ग्रिपेन जैसे यूरोपीय निर्माताओं की तरफ देख सकते हैं.
F-35 जेट्स के रखरखाव की जिम्मेदारी अमेरिका की होती है
मसलन, कनाडा इस चीज पर फोकस करना चाहता है कि फाइटर जेट की असेंबलिंग कनाडा में ही हो, और इस तरह की डील देने वालों को तरजीह देने की योजना है. F-35 जेट्स के रखरखाव, ओवरहॉल और सॉफ्टवेयर अपग्रेड अमेरिका में होते हैं. पिछले साल, अमेरिकी सरकारी लेखा कार्यालय (GAO) की एक रिपोर्ट में F-35 की बढ़ती लागत को हाइलाइट किया गया था, जिसे अमेरिका का सबसे एडवांस डिफेंस प्रोजेक्ट माना जाता है.