पुणे के हिंजेवड़ी में टेम्पो ट्रैवलर में आग लगने से चार कर्मचारियों की मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पहले इसे दुर्घटना माना जा रहा था, लेकिन पुलिस जांच में पता चला कि यह आग किसी हादसे का नतीजा नहीं थी, बल्कि जानबूझकर लगाई गई थी. आरोपी वाहन चालक ने वेतन और दिवाली बोनस न मिलने से नाराज होकर इस घटना को अंजाम दिया. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच जारी है.
महाराष्ट्र में पुणे के हिंजेवड़ी में एक टेम्पो ट्रैवलर वाहन में आग लगने से ग्राफिक्स कंपनी के चार कर्मचारियों की मौत हो गई थी. इस घटना ने चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पुलिस जांच में पता चला है कि वाहन चालक ने कर्मचारियों से विवाद और वेतन न बढ़ने से नाराज होकर यह कृत्य किया. ड्राइवर ने जुर्म कबूल कर लिया है.
आग लगने से चार कर्मचारियों की वाहन के अंदर ही जलकर मौत हो गई. वहीं छह श्रमिक झुलस गए. चार कर्मचारियों ने कूदकर अपनी जान बचाई थी. इस घटना में पुलिस ने अनुमान लगाया था कि आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी होगी. इस बीच, जांच में पता चला कि ड्राइवर जनार्दन हंबार्डिकर ने कंपनी से पुरानी रंजिश और नाराजगी के चलते इस घटना को अंजाम दिया
आरोपी ड्राइवर हंबार्डिकर के साथ कंपनी के अन्य कर्मचारियों ने अपमानजनक व्यवहार किया था. दो दिन पहले उसने डिब्बे से रोटी भी नहीं खाई थी. इसके अलावा दिवाली के दौरान वेतन भी काट लिया गया. आरोपी ने स्वीकार किया है कि उसने यह कृत्य इसलिए किया, क्योंकि उसके मन में बहुत गुस्सा और आक्रोश था.
आरोपी ड्राइवर गाड़ी में बैठे तीन लोगों से नाराज था. उसने उन्हें सबक सिखाने के लिए घटना को अंजाम दिया. वह कंपनी के पास या कंपनी परिसर में खड़ी गाड़ी में आग लगाना चाहता था. एक ऐसी जगह देखकर, जहां वह गाड़ी रोक सकता था और उसमें आग लगा सकता था, वहीं उसने आग लगाई. पुलिस का कहना है कि गनीमत रही कि घटना में तीन कर्मचारी बच गए. इस घटना में चार लोग मारे गए, जिनका इस सब से कोई लेना-देना नहीं था.